। स्कूली बच्चों की सुरक्षा के मद्देनजर सभी स्कूली वाहनों में जीपीएस लगाया जाना अनिवार्य कर दिया गया है। बावजूद इसके देखा जा रहा है कि स्कूली वाहन बिना जीपीएस सिस्टम के चल रहे हैं। ऐसे में परिवहन विभाग ने बिना जीपीएस डिवाइस लगे स्कूली वाहनों को अब जब्त करने का फैसला लिया है। विभाग स्कूल संचालक के खिलाफ भी कार्रवाई करेगा
स्कूली वाहनों के लिए परिवहन विभाग द्वारा तय किए गए नियमों के मुताबिक निबंधन के साथ ही वाहनों में जीपीएस सिस्टम लगा दिया जाता है। बच्चों की सुरक्षा के लिए इसे अनिवार्य किया गया है। बताया जा रहा है कि जिले के अधिकांश विद्यालयों के वाहनों में जीपीएस सिस्टम लगाया गया है। बावजूद, इसके अभी बहुत सारे विद्यालय विभाग के इस नियम का उल्लंघन कर रहे हैं। विभाग अब इन वाहनों का फिटनेस प्रमाणपत्र नहीं जारी करेगा। क्यों जरूरी है जीपीएस : दरअसल, स्कूली वाहनों में जीपीएस लगाने से विद्यालय प्रबंधन द्वारा आसानी से वाहनों की मॉनिटरिग की जा सकती है।इसके द्वारा प्रबंधन के लोग विद्यालय में बैठे-बैठे यह पता लगा सकेंगे कि स्कूली वाहन किस समय कहां और कितनी देर के लिए रुका हुआ है। इस प्रकार स्कूली वाहनों में बच्चों के साथ किसी प्रकार की आपराधिक घटनाओं पर भी रोक लगेगी। बताया जा रहा है कि पूर्व में भी परिवहन विभाग द्वारा विद्यालय प्रबंधकों को इसकी सूचना दी जा चुकी है। लेकिन, कई विद्यालय अभिभावकों से परिवहन के नाम पर मोटी रकम तो वसूलते हैं, लेकिन बच्चों की सुरक्षा से संबंधित इस प्रक्रिया की अनदेखी करते हैं। बिना जीपीएस लगाए स्कूली वाहनों का निबंधन नहीं किया जाता है। जिन वाहनों में बाद में जीपीएस खराब हो गया, उन्हें भी इसे ठीक करा लेना है। अन्यथा, ऐसे वाहनों का निबंधन रद करते हुए उसे जब्त किया जा सकता है।
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